१. छिनाल नहीं
हो सकतीं, चलीं हैं
आजाद होने|
२. अयोध्या निर्णय पर बड़ा बवेला मचा था कि न्यायालय तथ्यों के बजाय आस्था के आधार पर निर्णय दे रहें हैं. लेकिन इस बात पर सभी चुप हैं कि न्यायालय अब कानूनी पुत्र के बजाय जैविक पुत्र को मान्यता देना चाहता है.
यदि ऐसा है तो नारायण दत्त तिवारी का ही क्यों, आस पास के कुछ 'घोड़ों' और 'गधों' का भी D.N.A टेस्ट क्यों न करा लिया जाये?
bilkul sahi kaha hai aapne Ugranath ji ...
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