भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
6.3.11
रात आई है कोई सपना सजा लेने दो
रात आयी है , कोई सपना सजा लेने दो ,
गहरी तन्हाइयों का हमको मज़ा लेने दो ।
बड़ी मुश्किल से चुराकरके इसे लाये हैं ,
चैन की वंशी आज रात बजा लेने दो ॥
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