18.3.11


माँ काश तुमने मुझे सिखाया होता

माँ काश तुमने मुझे सिखाया होता
झूठ बोलने का हुनर
थोडी सी मक्कारी
जीने का तरीका
जो चलता हैं आजकल
चापलूसी करने की कला
मन के हाव भाव
चेहरे तक आने न देने का सऊर
सलीका अनजान बनने का
करके भूल
कम से कम इतना तो सिखाया होता
कैसे कड़वे सच को
मीठा किया जाता हैं .
आज किसीने प्रश्न किया हैं
तेरे प्यारे बेटे से
क्या सिखा हैं तुमने
बताओ ना माँ
क्या जवाब दूं ?

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर भाई.
    आपने मेरे मन की भावनाएं अपने शब्दों में व्यक्त किया है.

    ReplyDelete
  2. Ati sundar!!!
    Abhi nihshabd hoon...
    fir kabhi bolunga,
    tere prashno ko tab
    shabdon mein tolunga...

    ReplyDelete