14.3.11

holi poem

* कविता
                 एक पत्नीव्रत

मैं हमेशा एकपत्नीव्रत
का समर्थक रहा
मैंने इसे जीवन  भर निभाया

बीस से तीस तक  
एकपत्नीव्रत

तीस से चालीस तक  
एकपत्नीव्रत ,

फिर चालीस से पचास तक
एकपत्नीव्रत ,

और अब पचास के बाद
निष्ठापूर्वक
एकपत्नीव्रत निभा रहा हूँ |
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