अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
3.3.11
neta ji ki karamaten !
हर चाल मैं चलता हूँ ,चुनाव जीत जाऊं ; मैं नोट बांटता हूँ ,मदिरा भी मैं पिलाऊं ; यूँ हाथ जोड़ता हूँ पर दंगें भी कराऊँ ; क्या-क्या हैं करामातें !अब और क्या बताऊँ ?
बहुत पैने कटाक्ष कर रही हैं आप.बहुत खूब..
ReplyDeleteachchha vyangy
ReplyDeletebehtar tanz.
ReplyDeleteshukriya.