22.4.11

मन की कैद - डॉ नूतन गैरोला



डॉ  नूतन गैरोला 

15 comments:

  1. "मन की कैद......bahut sundar lika hai aapne.

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  2. बहुत अच्छी चिन्तनप्रधान और सधी हुई कविता । बहुत बधाई नूतन जी !

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  3. शास्त्री जी और रामेश्वर जी..धन्यवाद

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  4. कविता का भाव-वृत्त विस्तृत है...
    बहुत सुन्दर...मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....

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  5. कविता अपनी पूरी परिधि के साथ बेहद प्रभावी ....

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  6. अद्भुत काव्य .....
    गहन सोच से भरी ...
    बहुमूल्य ...मर्मस्पर्शी रचना
    बधाई आपको ..!!

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  7. बहुत सुन्दर...मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....

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  8. और इस जिज्ञासु घुमक्कड को...बेहद अच्छी प्रस्तिती. मन के विषाद को आपने बखूबी चित्रित किया है. टेबलेट के फोटो पर लिखी कविता जिंदगी के इस कड़वेपन का बखूबी अनुभव दे रही है.

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  9. अच्छी चिन्तनप्रधान कविता , नए विषय को उकेरा है | बहुत सुन्दर

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