ग्वालियर शहर अब अखबारों की मंडी बनता जा रहा है! जिसके कारण कई अखबारों की दशा सुधरने लगी है तो कई अखबारों में वेतन के लाले पडने लगे! कल तक घाटे में चलने के कारण समय पर वेतन नहीे दे पाने वाले ग्वालियर से प्रकाषित नवभारत की दशा में अब सुधार होने लगा है! इस बार यहां 15 तारीख को वेतन मिल जाने के कारण कर्मचारियों के चेहरों का खोई हुई चमक वापस आ गई है! वहीं यहां से प्रकाषित होने वाले दैनिक आदित्याज की हालत खराब होने लगी है! आज तक यहां के कर्मचारियो को प्रबंधन वेतन नहीं दे पाया है! जिसके कारण यहां काम करने वाले कर्मचारी अब खिसकने लगे है! अगर सही हालत रही तो आदित्याज भी भूमिगत हो सकता है!
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