भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
12.4.11
reenakari: इस सिलसिले ने मुझे ,
reenakari: इस सिलसिले ने मुझे ,
: " खाब्वो ने हर मर्दफा मजबूर किया , आखो को मेरी पलके झुकाने को मजबूर किया , उम्मीदों ने पलकों को खुलने को मजबूर किया , अप..."
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