16.5.11

कांग्रेस की मेहरबानी


वैसे दिल्ली में कोई खाली है क्या आज? डिनर के लिए ??? साला आज बाहर कुछ खाने का मन है...बस बिल भरने वाला स्पांसर ढूंढ रहा हूँ...


क्योकि अपनी जेब बीच महीने में ही खाली है ..अरे बाबा.. यह सब कांग्रेस की मेहरबानी है ...

2 comments:

  1. प्रिय शुक्ल जी

    स्पोंसर ढूंढने की क्या जरुरत . हमारे घर आपका हमेशा इन्तजार रहता है.
    अशोक गुप्ता
    दिल्ली

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  2. tejwani girdhar, ajmer18/5/11 9:09 AM

    कभी हिसाब लगा कर देखना कितनी भी महंगाई हो जाए, खाना कभी महंगा नहीं होता, महंगे हैं तो हमारी सुख सुविधाओं के साधन, हजार रुपए की जींस, दो हजार रुपए का जूता, यथा व्हीकल, मोबाइल बिल, फ्रिज, कूलर व एसी के कारण आता बिजली का बिल, नेट पर चैटिंग, और साथ ही पिज्जा बर्गर आइस क्रीम

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