भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
18.5.11
ग़ज़लगंगा.dg: कहीं सूरज, कहीं जुगनू का......
ग़ज़लगंगा.dg: कहीं सूरज, कहीं जुगनू का......
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