भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
25.5.11
reenakari: सफ़र पर कुछ और आगे आना हुआ ,
reenakari: सफ़र पर कुछ और आगे आना हुआ ,
: "मुदत से दुआ कोई आज काबुल हुई , फिर एक मर्दाफा कोई महफ़िल कायल हुई , आज फिर महफ़िल में उनका आना जो हुआ , नज़रो से नजरो का मिलना हुआ , शमा ज..."
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