26.5.11

reenakari: एक कश्ती सी रीनाकारी

reenakari: एक कश्ती सी रीनाकारी: "एक कश्ती सी रीनाकारी ,फिरती साहिल की तलाश में , कुछ नज़र में आया है ,शायद कोई किनारा आया है , कुछ देर ठहर यहाँ थकान उतार लू , फिर ना जाने..."

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