रामदेव बाल बाल बचे .
आज पञ्च तारा होटल में , जहाँ राजनितिक शतरंज बिछी हुई थी, एक बार तो मीडिया ने कह दिया था कि समझोता हो गया है , तो ऐसा लगा जैसे एक बार फिर , जैसे बी जे पी , ने राम के सिधान्तों को टाक पर रख कर जनता को धोका दिया था , उसी प्रकार , रामदेव ने भी धोका दे दिया .
पहली बात तो बाबा का पञ्च तारा होटल में बात चीत के लिए जाना ही भ्रश्ताचारिओं के प्रति पहली हार थी. इससे तो अच्छा होता किसी मंदिर या पार्क में या अपने पंडाल में ही बात करते .
पर क्या मालूम बिना ए. सी. के किसका दिल घबरा रहा था .
पर विदेशी धन लाने की बात तो हो रही है , क्या अभी तक लोगों ने वहां धन छोरा होगा .
दूसरे काले धन की बरी बरी मिलें जो नोर्थ और साऊथ ब्लाक में दिन रात चल रही हैं. काले धन कमाने वालों की नयी फ़ौज हर साल I A S , I F S , I P S , PAS, के रूप में आ रही है , उसका कोई जिक्र भी नहीं.
पर चलो मैच व सास बहु में खोई जनता को नया मनोरंजन तो मिला.
रामदेव जी का कोटिश धन्यवाद.
पर यदि समझोता भी करना हो तो , दो चार दिन की रोनक तो होने दें . वर्ना खेल का मजा ही क्या.
जब में अग्रवाल कॉलेज , जयपुर में १९७५ में स्टूडेंट यूनियन में था , तब हमने अनिश्चित कालीन हरताल घोषित कर दी थी , पहले दिन ही प्रिंसिपल ने अंपने घर पर हमें व मनेजमेंट के लोगों की मीटिंग कराइ थी .
जिस प्रिंसिपल के आफिस के सामने खरे हो कर इंतज़ार करना परता था , वही प्रिंसिपल मनुहार कर कर के रसगुल्ले , कचोरी , व पूरी हलवा खिला रहा था .
हमारी २१ मांगों में से १८ मांगे मान ली गईं जिनमें कुल खर्चा कुछ हजार आना था . तीन मुख्या मांगे बाद के लिए छोर दी गयीं.
पार हमने कहा, हरताल तो होगी, हम विद्यार्थिओं व टीचरों को क्या जवाब देंगें जो कम से कम १५ दिन की छुट्टी की आस लगाये बैठे हैं.
तब सात दिन की रजामंदी पर फैसला हुआ , और सात दिन की सफल हरताल हुई .
यदि हम स्टूडेंट इतनी अक्ल रखते थे तो तुम तो बाबा हो .
हमें तुमसे बहुत आशाएं हैं.
आपका ही
अशोक गुप्ता
पुराने स्वामी धीरेन्द्र ब्रहमचारी जी का चेला
hadtal ki sachchai khol kar rakh di hai aapne .aabhar .
ReplyDeleteek geet suna tha , "suno bal brahmchari , main hoon ......"
ReplyDeleteबाबा अपनी हरकतों से ही विवादस्पद हुए हैं
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