मुझे इन नेताओं से अच्छे
ये सुअर के बच्चे लगे...
जो रोजाना मेरी गली तो घूम जाते हैं,
और अपने स्तर से गन्दगी खाकर
कुछ तो साफ़ कर जाते हैं...
लेकिन, वो कमबख्त
आएगा सिर्फ चुनाव के वक्त
बस, वोट मांगने...
और ये सफाई देने कि
मैं...सुअर से अच्छा हूँ और कुछ नहीं....- अतुल
बहुत सुंदर लिखा है ...!!
ReplyDeleteसमाज की क्या हालत है ...!!
जन जागरण में सहयोग दे रही है आपकी रचना ...!!
badhai.