भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
30.6.11
parwaz परवाज़: माँ मुझे घर याद आता है...
parwaz परवाज़: माँ मुझे घर याद आता है...
: "माँ मुझे घर याद आता है... हर ख़ुशी में हर गम में प्यार ज्यादा हो चाहे कम में माँ मुझे घर याद आता है अब पता चला मुझे क्यों भर आती थी आँख..."
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