भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
12.7.11
" अल्फ़ाज़ - ज़ो पिरोये मनसा ने ": राजनेता - एक परिभाषा अंतस से (^_^)
" अल्फ़ाज़ - ज़ो पिरोये मनसा ने ": राजनेता - एक परिभाषा अंतस से (^_^)
: "जहर तो इनमें इतना भरा की
टॉइलेट पे थूके तो 'हारपिक' से ज्यादा साफ़ होता हैं |
डाल दें किसी पे बुरी नज़र तो बंदा खड़े खड़े ही खाक होता है ||"
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