30.7.11

अरे निकम्मो, देश लुटेरो,बापू को कुछ याद करो

अन्ना की तमन्ना है कि मिट जाए सब भ्रष्टाचार
मगर सियासतदां सब के सब अपनी आदत से लाचार
कैसे-कैसे दम्भी बैठे कांग्रेस में आज हैं
दमन कर रहे जन आकांक्षा, नहीं किसी को लाज है
एक पीएम से आस बची थी, वह भी निकले अ-सरदार
सारे नेता बने हुए हैं चमचों के परचमबरदार
अरे निकम्मो, देश लुटेरो,बापू को कुछ याद करो
देश हमारा सबसे ऊपर, मत इसको बरबाद करो
कुंवर प्रीतम

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