अन्ना की तमन्ना है कि मिट जाए सब भ्रष्टाचार
मगर सियासतदां सब के सब अपनी आदत से लाचार
कैसे-कैसे दम्भी बैठे कांग्रेस में आज हैं
दमन कर रहे जन आकांक्षा, नहीं किसी को लाज है
एक पीएम से आस बची थी, वह भी निकले अ-सरदार
सारे नेता बने हुए हैं चमचों के परचमबरदार
अरे निकम्मो, देश लुटेरो,बापू को कुछ याद करो
देश हमारा सबसे ऊपर, मत इसको बरबाद करो
कुंवर प्रीतम
मगर सियासतदां सब के सब अपनी आदत से लाचार
कैसे-कैसे दम्भी बैठे कांग्रेस में आज हैं
दमन कर रहे जन आकांक्षा, नहीं किसी को लाज है
एक पीएम से आस बची थी, वह भी निकले अ-सरदार
सारे नेता बने हुए हैं चमचों के परचमबरदार
अरे निकम्मो, देश लुटेरो,बापू को कुछ याद करो
देश हमारा सबसे ऊपर, मत इसको बरबाद करो
कुंवर प्रीतम
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