20.7.11

''गाँधी'' तुम ग़लतफ़हमी में हो!

''गांधी'' तुम्हारा अहिंसा का पाठ
कृष्ण अगर मानते-तो
महाभारत ही न हो पाती
और धर्म पर अधर्म की
विजय हो जाती
''गांधी'' तुम्हारी अहिंसा की बात पर
राम-अगर चलते-तो
युद्ध रोककर
सीता-रावण को ही सौंपकर
तसल्ली कर लेते....
''गांधी'' तुम्हारी गलतफहमी है- कि
तुम्हारा अहिंसा का पाठ
दुनिया में पढा जा रहा है
गांधी सच तो ये है कि 
तुम्हारा अहिंसा का प्रचार
सिर्फ वे लोग कर रहे हैं
जिन्हें खौफ है कि
भूखी-खूंख्वार भीड
बदले की गरज से
अपने हक के लिये कहीं एक दिन
                                                  उनकी देह पर आक्रमण न कर दे... - अतुल कुशवाह

3 comments:

  1. सत्ता का ये षड्यंत्र तुमने ही बताया है .

    ReplyDelete
  2. sochne par majboor karne wali kavita.aabhar

    ReplyDelete
  3. gandhi ji ki parikalpna to sahi thi kintu kuch logo ne dhan ke lalach me kuch aur hi bana diya

    ReplyDelete