16.7.11

इतना फॉरवर्ड करो की एक आन्दोलन बन जाये

 “दर्द होता रहा छटपटाते रहे, आईने॒से सदा चोट खाते रहे, वो वतन बेचकर
मुस्कुराते रहे
हम वतन के लिए॒सिर कटाते रहे”

280 लाख करोड़ का सवाल है ...
भारतीय गरीब है लेकिन भारत देश कभी गरीब नहीं रहा"* ये कहना है स्विस बैंक के
डाइरेक्टर का. स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह
भी कहा है कि भारत का लगभग 280
लाख करोड़
रुपये उनके स्विस
बैंक में जमा है. ये रकम
इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट
बिना टैक्स के
बनाया जा सकता
है.
या यूँ कहें कि 60 करोड़
रोजगार के अवसर
दिए जा सकते है. या यूँ भी कह सकते है
कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4
लेन रोड बनाया
जा सकता है. ऐसा भी कह
सकते है कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकते है. ये
रकम
इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जाये तो 60
साल तक ख़त्म ना हो. यानी भारत को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने कि कोई जरुरत
नहीं है. जरा सोचिये ... हमारे भ्रष्ट राजनेताओं
और नोकरशाहों ने
कैसे देश को

लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी तक 2011 तक जारी है.
इस सिलसिले को
अब रोकना

बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है. अंग्रेजो ने हमारे भारत पर करीब 200 सालो तक राज
करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा. मगर आजादी के केवल 64 सालों में हमारे
भ्रस्टाचार ने २८० लाख करोड़ लूटा है (और वो पैसा भी अंग्रेज की बैंक में जमा
रखा है और देस प्रेम की बाते करते ही और कारगिल के शहीदों की तस्वीर पर फूल
रखकर फोटो खिचवाते है ) एक तरफ 200 साल में 1 लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल
६४ सालों में 280 लाख करोड़ है. यानि हर साल लगभग 4.37 लाख करोड़, या हर महीने
.
करीब 36 हजार करोड़ भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में है

3 comments:

  1. bharat chahe jitna ameer desh kio na ho jaye bhartiy gareeb hi rahege kioki jo sarkar supreem cort baat nahi manti o aapki kya khak manegi

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  2. बहुत बढ़िया सार्थक पहल के लिए धन्यवाद!

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