अन्ना बेचारे जी,
आप भी क्या अजीब हैं. SMS और Email का जमाना है और आप चिट्ठी लिख रहे
हैं. लगता है पुराने जमाने में कई सारी चिट्ठियां एक साथ खरीद कर रख ली
होंगी आपने. जो आप कभी सोनिया मम्मी को लिखते हैं तो कभी मुझे. खैर
छोडि़ए, यह तो आपका पर्सनल मामला होगा.
आगे समाचार यह है कि मुझे आपकी चिट्ठी मिल गई है. पर लिफाफा गायब है.....
पूरी चिट्ठी पढ़ें और अपने विचारों से अवगत कराएं-
http://mydunali.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html
अच्छी अभिव्यक्ति है
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