23.7.11

डंडे की तमन्ना है कि अन्ना मुझे मिल जाये

नुक्कड़ पर भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी फ़िल्म थ्री ईडियट की तर्ज पर अपने दो मित्रो के साथ पोंद मटकाते हुये अश्लील नृत्य करते हुये आल इज वेल गाना गा रहे थे । पोंद शब्द की जगह  कूल्हे जैसे थोड़े सम्मानीय शब्द का भी इस्तेमाल हो सकता था पर शर्मा जी के हावभाव ऐसे कुटिल थे  कि मै अपने आप को रोक न पाया । इस नृत्य  मे उनके साथियो का नाम लिखना भी उचित न होगा आज कल बिना मान वाले भी मानहानी का दावा कर देते हैं । पर अपनी सुविधा से आप उन मित्रो की जगह मन्नू उर्फ़ SMS, कुटिल उर्फ़ सब्बल, दिग्गी उर्फ़ हटेला,  या इन सबकी प्यारी सोणी मम्मी का नाम रख सकते हैं । खैर साहब यह देख हमसे रहा न गया हमने तत्काल प्रतिवाद किया भाई आल इज नाट वेल चहुं ओर भ्रष्टाचार है। कल तिहाड़ का जेलर भी हमसे मिलने आया था कह रहा था कि दवे जी तिहाड़ के बाकी कैदियों को मे इन नेताओ से कैसे बचाउं कही हवा लग गयी तो देश चलाने के जैसे जेल चलाना मुश्किल हो जायेगा । मेरे पास मम्मी टाईप बली का बकरा बनाने के लिये गूंगा जेलर बनाने की सुविधा भी नही है

शर्मा जी ठठा कर हसें कहने लगे दवे जी क्यों मनगढ़ंत आरोप लगाते हो है कोई सबूत और होगा भी तो पहले वो जेलर ही अंदर जायेगा झूठ कहता है देख लेंगे निपटा देंगे उसको । हमने कही चलो भाई जेलर कि न मानो पर अन्ना की तो सुनोगे ताल ठोक कर कह रहे हैं कि देश भ्रष्टाचार के कारण रसातल मे जा रहा है । लोकपाल बिल लाये बिना मामला ठीक होगा नही और सरकार जो है जोकपाल बिल लाना चाहती है । इतना सुनते ही शर्मा जी के दिल से लय फ़ूट पड़ी  " डंडे की तमन्ना है कि अन्ना मुझे मिल जाये " शर्मा जी मुस्कुराते हुये कहने लगे आ तो जाये ये अन्ना जंत्र मंतर सारा नेतागिरी भुला दिया जायेगा फ़िर  बोले तुम्हारा ये अन्ना सुप्रीमकोर्ट क्यों गया है इसको डंडे से डर क्यों लगता है भाई गांधी जी तो कभी नही डरे असली गांधीवादी होता तो कभी न डरता ।

पूरा पढ़ने के लिये  - अष्टावक्र

1 comment:

  1. personally like it, please visit my blog, danda bhi automated hona chaiye

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