भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
31.8.11
बताएं यार क्या तुमको, हमारे गांव की मस्ती
परब त्योहार पर खलती हमारे गांव की मस्ती
शहर में बैठकर लाखों बरत लें जेब से अपनी
मगर गुलजार जेहन में ,हमारे गांव की मस्ती
कुंवर प्रीतम
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