28.8.11

यह विजय तुझको समर्पित

आज हर्षोल्लास का अभिनव समय तुझको समर्पित ,
सर्वशक्तिसमन्विते हे यह विजय तुझको समर्पित ।

हर जमाने में सनातन धर्म का निर्वाह तू है ,
सत्य की हर कामना तू , न्याय की हर चाह तू है ।
मर्त्य मानव की विजय के पृष्ठ में ताकत तुम्हारी
और वन्दे के ह्रदय में विश्व की परवाह तू है ।

हे परमसत्ता हमारी नीति नय तुझको समर्पित ,
सर्वशक्ति समन्विते हे यह विजय तुझको समर्पित ।


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