4.9.11

गुरु दिवस के अवसर पे मेरा नमन

भारत वर्ष के महान गुरु के चरणों में,  आज
आवश्यकता है एसे महान गुरु की जो देश का पुर्नोद्धार कर सके ...............................

6 comments:

  1. आज तो सभी जगह धनानन्‍द ही बैठे दिखायी देते है। चाणक्‍य को हमारा प्रणाम।

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  2. गुरुजनों को सादर प्रणाम ||

    सुन्दर प्रस्तुति पर
    हार्दिक बधाई ||

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  3. गुरुजनों को सादर प्रणाम |
    हमारे यहाँ आज भी चाणक्य (अन्ना जी ) और चन्द्रगुप्त (केजरीवाल ) भी है लेकिन दुःख इस बात का है की घनानंद इस बार कुछ ज्यादा ही भ्रष्ट और ताकतवर है लेकिन हम ये भी जानते है की जीत हमेशा सत्य की ही होती हैं

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  4. आप सभी को देश के सच्चे गुरु का अभिनन्दन करने के लिये धन्यवाद ।

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