अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
लोग पूछते है मुझसे मेरा परिचय
मे खुद से अनजान खुद को ही ना पहचान पाई
क्या उनको जवाब दू
मेरी बेबसी और लाचारगी को वो क्यों नहीं समझते है...................
No comments:
Post a Comment