शंकर जालान
कोलकाता। मध्य कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट स्थित कॉलेज स्क्वायर में 1948 से आयोजित हो रही दुर्गापूजा का पंडाल इस बार मायापुर स्थित इस्कॉन मंदिर की हू-ब-हू आकृति का होगा। अद्भूत पंडाल को बताने में सैकड़ों कारीगर बीते दो महीने से लगे हैं। कॉलेज स्क्वायर सार्वजनीन दुर्गोत्सव कमिटी के वरिष्ठ सदस्य प्रभात सेन ने बताया कि इससे पहले जयपुर पैलेस, बंगलूरू का प्रशांति मंदिर, गुजरात का अक्षरधाम मंदिर, उत्तराखंड का लक्ष्मण झूला, पंजाब का स्वर्ण मंदिर, कनार्टक विधानसभा भवन और कूचबिहार की राजबाड़ी की शक्ल का पंडाल बनाया गया था।
उन्होंने बताया कि ये भव्य पंडाल न केवल चर्चित हुए थे, बल्कि इन पंडालों को देखने भारी तादाद में दर्शनार्थी भी आए थे।
सेन ने बताया कि कमिटी के पदाधिकारी और सदस्य डेकोरेटर को इस बात से भलीभांति अवगत करा देते हैं कि पंडाल की फिनिशिंग इतनी बेहतरीन होनी चाहिए कि लोगों को ऐसा महसूस न हो कि यह मूल मंदिर या इमारत नहीं बल्कि महज एक अस्थाई पंडाल है। उन्होंने बताया कि विराट व दर्शनीय पंडाल को बनाने में पाल डेकोरेटर के लोग बांस, तिरपाल, कपड़ा, प्लाईवुड और थर्माकोल का इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रतिमा के बारे में उन्होंने बताया कि उल्टाडांगा के सनातन रूद्र पाल उनके पूजा पंडाल के लिए परंपरागत मूर्ति बनाने में व्यस्त हैं। सेन के मुताबिक कमिटी के सदस्यों का मत है कि मूर्ति को लेकर कोई प्रयोग नहीं किया जाए, इसलिए हमारे पंडाल में सालों से परंपरागत मूर्तियां ही लाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि शुरू से ही कॉलेज स्क्वायर की पूजा बेहतरीन व दर्शनीय आलोक सज्जा के लिए जानी जाती रही है। इस बार भी हुगली जिले के चंदननगर के कारीगर अपनी कार्य-कुशलता के मुताबिक इंद्रधनुषी रोशनी बिखेरेंगे। सेन ने बताया कि पूजा का कुल बजट करीब 35 लाख रुपए है और यह राशि चंदा और स्मारिका में प्रकाशित विज्ञापन के जरिए एकत्रिक की जाती है। इसके अलावा कई कंपनियां भी प्रयोजित करती हैं। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर को राज्यपाल एमके नारायणन कॉलेज स्क्वायर के पूजा पंडाल का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर और कई जानेमाने लोग बतौर अतिथि मौजूद रहेंगे। आठ अक्तूबर को मां दुर्गा समेत गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी व सरस्वती की प्रतिमा को गंगा में प्रवाहित कर दिया जाएगा।
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