30.9.11

तीन कवितायेँ

* [कवितायेँ ]
- काम कर रहा हूँ तो
कुछ हो ही तो रहा है ,
कोई बैठा तो नहीं हूँ
हाथ पर हाथ धरे
कि कोई मेरा काम करे
या मुझसे प्यार ! #

- कवि तो वह जो
कविता में जिए
यह क्या कि साल में
एक कविता करके
कोई कवि बन जाये
चाहें वह कविता कितनी ही
साहित्यिक क्यों हो ! #

- [हाइकु ]
यहाँ तो सब
बुद्धि का मामला है
कौन साथ दे ? #
######

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावपूर्ण , बधाई

    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें

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  2. mannya Shukla ji , Aap ki gazlein parhin , par main computer zyada operate nahi kar pata . Comment kaise karen ? nagrik, 9415160913/ Email - priyasampadak@gmail.com/Blog- nagriknavneet.blogspot.com

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