.गाय हमारी माता है ....आगे कुछ नहीं आता है
आज सुबह सुबह facebook खोला तो सामने भाई हरीश मेहता का update सामने था ....कुछ बेरहमों की बर्बरता .......कुछ butchers की फोटो है ....मुसलामानों को गरिया रखा है ......गाय का कटा सर दिखाया है ......... स्वाभाविक सी बात है लोगों को बुरा लगेगा ....emotional मुद्दा है ये .........अब इसके आगे लिखने से पहले मैं एक बात का स्पष्टीकरण दे देना चाहता हूँ की भैया मैं कोई communist या अँगरेज़ सरपरस्त या मुसलमान , इसाई नहीं हूँ ....मैं कट्टर हिन्दू ........जनसंघी ........कट्टर आर्य समाजी .....कट्टर भाजपाई ....बाबा रामदेव का पक्का चेला हूँ ........... डाक्टर प्रवीण तोगड़िया का लेक्चर सुनने में मुझे भी बड़ा मज़ा आता है ........मुसलमानों को गरिया के मेरी आत्मा को भी शांति मिलती है ...........इसलिए कृपया मेरी बातों को अन्यथा न लिया जाए .......
पिछले महीने मैं बूढ़े बाप की बीमारी के कारण गाँव में था ........सुबह बैठे थे हम सब ....चाय पी रहे थे ....तभी पता नहीं कहीं से एक बछडा आ गया हमारी चारदीवारी के अन्दर ......बड़े भाई ने उसे बाहर हांक दिया ..........वो बगल के खेत में घुस गया .....फिर बेचारे को वहाँ से भगाया ....दूर तक छोड़ के आये ....घंटे भर बाद वो फिर हाज़िर हो गया ..........अब बड़े भाई का धैर्य चुक गया ...वो लगे गरियाने .....मैंने पूछा किसका है ...कहाँ से आया है .....अरे पता नहीं किसका है ......छोड़ देते हैं साले .........मैं यूँ ही बोल पडा अरे इसको बाबा रामदेव की गौशाला में भेज दो .......नहीं तो प्रवीण तोगड़िया के पास भेज दो ....उमा भारती भी हैं .......इसपे पिता जी पिनक गए .......अरे इसको भी भेज दो और मुझे भी भेज दो ......मैंने उनसे कहा की आप झगडा मत कीजिये इस मुद्दे पर , तर्क कीजिये ........इस देश में गोरक्षा हो ये मैं भी चाहता हूँ .......पर होगी कैसे ........एक बछड़ा ये कहीं से आ गया ....एक आपके घर में भी है .......पूरे गाँव में सैकड़ों होंगे .....बैल अब कोई पालता नहीं , क्योंकि खेती सारी tractor से होती है ......एक गाय है आपके घर ...उसे ही बड़ी मुश्किल से चारा डाल पाते हैं ....अब ये जो बछड़े और कटड़े हर साल पैदा होते हैं इनका क्या करें .....पाल सकते नहीं ...छुट्टा छोड़ सकते नहीं .........अभी एक ने ही नाक में दम कर रखा है ....सब छोड़ देंगे तो क्या हाल होगा ........इतना सुन के पिता जी मुझे गरियाने लगे ...........मैंने उनसे कहा .....देखिये ...गाली देने से काम नहीं चलेगा .....पिछले 20 साल में कम से कम 30 -35 गाय भैंस के बच्चे हुए आपके घर में ...........अब मादाएं तो पाल ली आपने .....बेचारे नर कहाँ हैं .....मैं नहीं चाहता की वो किसी slaughter house में जा के कटें .........उन 10 -15 बछड़ों का मैं क्या करूँ .........कैसे गो रक्षा करूँ ....... अब इसका जवाब बाबा राम देव जी देने की कोशिश करते हैं .....दुनिया भर का गणित बताते हैं ...पता नहीं कहाँ कहाँ से श्लोक सुनाते हैं ...गाय की महिमा अपरम्पार है ..........गो मूत्र से ले कर गोबर और दूध और न जाने क्या क्या बखान करते हैं ...सारी बात सही है ....पर practically possible नहीं है ........अब बैल पाल कर , हल जोत कर खेती नहीं हो सकती ......बैल गाडी चल नहीं सकती ..........तो फिर क्या करोगे इनका ....इन बछड़ों का ...........आज क्या करते है लोग ....चोरी से .....लोगों की नज़र बचा के 300 रु में बेच देते हैं ....कसाइयों को .........वो सब इन्हें पैदल हांक कर ले जाते हैं वहाँ बंगाल ....जहां cow slaughter ban नहीं है ........और ये सब वहाँ काटे जाते हैं और डब्बे में पैक हो के europe और middle east को export होते हैं .......
अब मैं एक प्रश्न पूछ रहा हूँ ....गोरक्षा के इन झंडाबरदारों से ........मैं अपनी बूढी गाय भैंसों का , इन बछड़ों का क्या करूँ ..........मेरे पिता जी कहते है की अरे बेकार गाय को slaughter house भेज दोगे ????? तो बेकार बाप को भी भेज दो ............मैंने कहा की एक ही बुज़ुर्ग है न घर में .....20 - 25 होते तो सचमुच सोचना पड़ता की कैसे निपटाएं ........एक किसान के पास तो सैकड़ों गाय बछड़े हो जाते हैं , कुछ सालों में ...क्या करें उनका ........आज से 15 साल पहले पंजाब सरकार ने एक कंपनी..... punjab meats नाम था ......उसको slaughter house खोलने का license दिया .......यही अभिनव बिंद्रा जो olympic gold medallist हैं उनके के पिता जी की कम्पनी थी .......रोपड़ के पास अत्याधुनिक प्लांट लग रहा था ....किसानों में ये बात फैली तो रातों रात बछड़ों और कटड़ों के रेट 10 गुना बढ़ गए .......हज़ार रु का कटड़ा 8000 में बिकने लगा ....फिर गोरक्षा वालों ने हल्ला मचाया और सरकार डर गयी ...उसने licence रद्द कर दिया .......प्रोजेक्ट बंद हो गया ....Mr bindraa आज तक उसका मुकदमा बैंक से लड़ रहे हैं ....कुछ 10 -20 करोड़ का क़र्ज़ है उसी प्रोजेक्ट का ...और आज भी पंजाब में कटड़ा 500 रु का बिकता है ....आज भारत में dairy farming इसी लिए घाटे का सौदा है ......भारत में विश्व की सबसे ज्यादा cattle population है ..........पर वो सारी हमारी इन बेवकूफाना policies और मुह्चोरी की वजह से बेकार जाती है ...या चोरी छिपे औने पौने दामों में बिकते हैं ....जो चीज़ हमारी agrarian economy का इतना बड़ा assett है वो बेकार हो रहा है .......बेचारी गाय और उसका बछड़ा तो फिर भी कट ही रहे हैं ....चोरी छिपे ही सही ..........तो भैया जिस काम को चोरी छिपे कर ही रहे हो उसे कायदे से कर लो यार ...पर उमा भारती को और बाबा रामदेव को कौन समझाएगा ..........इसलिए .....गोरक्षा जिंदाबाद .........बछड़ा 300 में बेच के ....गाय हमारी माता है ...आगे कुछ नहीं आता है
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