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फ़िक्र ये है की हम आज भी उनकी यादों में मिलते हैं..
उनकी आँखें आज भी नम हो जाती है हमारे लिए
दर्द के निशान आज भी बातों में मिलते है
दोस्त भी आजकल काम में मसरूफ हो गए
रूबरू मिल नहीं पाते ,देर रात के ख्वाबों में मिलते है
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति, आभार .
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