भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
22.10.11
कहाँ जाते
* कर न लेते तेरे वादे पर यकीं,
तो कहाँ जाते , कहाँ होते मकीं ?
* भ्रष्टाचार के अनेक रूप ,
कोई हड्डी , कोई सूप |
* जब टी वी पर विज्ञापन आता है , उतनी ही देर घर का कुछ काम करने का मौका मिलता है |
1 comment:
S.N SHUKLA
22/10/11 5:58 PM
बहुत सुन्दर बधाई .
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बहुत सुन्दर बधाई .
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