भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
28.10.11
क्षीण मन
गीत -
अब वे जैसा भी सोचें , लेकिन मैं तो सोचूंगा ;
उनका कोई बुरा न हो , हो भला सदा सोचूंगा ।
#
गीत -
फिर लगा मन क्षीण होने
जीर्ण होते , शीर्ण होने ।
फिर लगा - - - =
#
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment