26.11.11

मुम्बई हमले की सुनवाई का सफर...: 26/11/08-26/11/11 तक



वर्ष 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले मामले की सुनवाई मामले में कब क्या हुआ, इसका तिथिवार ब्योरा:- वर्ष 2008 

26 नवंबर: अजमल आमिर कसाब और नौ अन्य पाकिस्तानी फिदायीन ने दक्षिण मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में एक साथ हमले को अंजाम दिया।

26 नवंबर की देर रात 1.30 बजे गिरगांव चौपाटी के पास पुलिसकर्मियों ने कसाब को दबोच लिया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसे नायर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

29 नवंबर: कसाब ने पुलिस को बयान दिया। हमले में अपनी भूमिका स्वीकार की।

29 नवंबर: आतंकवादियों के कब्जे से सभी स्थलों को मुक्त कर लिया गया। नौ आतंकवादी मारे गए। एकमात्र कसाब को जिंदा पकड़ा जा सका।

30 नवंबर: कसाब ने पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया।

27-28 दिसंबर: पहचान परेड कराई गई। 

वर्ष 2009

13 जनवरी: मामले की सुनवाई के लिए एम. एल. तहिलयानी को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

16 जनवरी: कसाब मामले की सुनवाई के लिए ऑर्थर रोड जेल को चुना गया।

5 फरवरी: मालवाहक पोत कुबेर से बरामद सामान के साथ कसाब के डीएनए के नमूने का मिलान हुआ।

20-21 फरवरी: कसाब ने दंडाधिकारी आर.वी. सावंत-वागले के समक्ष इकबालिया बयान दर्ज कराया।

22 फरवरी: उज्ज्वल निकम को मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।

25 फरवरी: एस्प्लानेड महानगर अदालत में कसाब और दो अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया।

1 अप्रैल: अदालत ने अंजलि वाघमारे को कसाब का वकील नियुक्त किया।
15 अप्रैल: अंजलि वाघमारे को मामले से हटाया गया।

16 अप्रैल: एस.जी. अब्बास काजमी को कसाब का वकील नियुक्त किया गया।

17 अप्रैल: कसाब के इकबालिया बयान को अदालत के समक्ष रखा गया।

20 अप्रैल: अभियोजन पक्ष ने कसाब के खिलाफ 312 अभियोग लगाए।

6 मई: कसाब के खिलाफ 86 अभियोगों में आरोप तय, हालांकि उसने इंकार किया।

8 मई: पहले प्रत्यक्षदर्शी का अदालत में बयान, कसाब की पहचान की।

23 जून: वांछित अपराधियों हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी सहित 22 के खिलाफ गैरजमानती वारंट। इन्हें भगोड़ा घोषित किया गया।

30 नवंबर: कसाब के वकील अब्बास काजमी मामले से हटाए गए।

1 दिसंबर: के.पी. पवार ने आधिकारिक रूप से काजमी का स्थान लिया।

16 दिसंबर: अभियोजन ने 26/11 आतंकी हमले में सुनवाई पूरी की।

18 दिसंबर: कसाब ने सभी आरोपों से इंकार किया।

06 मई 2010 को मुंबई हमले के 521 दिनों बाद विशेष न्यायालय के न्यायाधीश एम. एल. ताहिलयानी ने कसाब पर चार मामलों के तहत सजा-ए-मौत सुनाई।

21 फरवरी 2011 को कसाब को बम्बई उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के फैसले को सुरक्षित रखते हुए मौत की सजा सुनाई।

29 जुलाई 2011 को कसाब बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की शरण में पहुंचा।

10 नवंबर 2011 को पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने मुम्बई हमलों के दोषी अजमल आमिर कसाब को आतंकवादी ‘नॉन स्टेट एक्टर’ बताकर उसे फांसी पर चढ़ाए जाने की वकालत की

अबतक कसाब को सुरक्षित रखने में कुल खर्च: 15 करोड रूपए

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