भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
7.11.11
सब इतना तंग क्यों
सब इतना तंग क्यों
तंग है खुशियों के पल
तंग है संग उनके हम
इतना तंग है प्यार क्यों
तंग है
वक़्त
तेरे पास
तंग है सब तंग से क्यों
सब इतना तंग क्यों
1 comment:
mridula pradhan
9/11/11 11:59 AM
bahut samayik......aur sahi.
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