क्यों न ''भारत रत्न'' चुनने का अधिकार भी भारतीय जनता को प्रदान किया जाये ?
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिए जाने की मुहीम कुछ माह पहले काफी जोर पकड़ रही थी .हमारे कुछ ब्लोगर्स ने उनके पक्ष-विपक्ष में सराहनीय पोस्ट भी लिखी थी .कल सुषमा जी ने ''भूपेन दा'' को 'भारत रत्न' दिए जाने की मांग ट्विटर पर उठाकर एक नया मुद्दा सोच-विचार हेतु हम सब के समक्ष रख दिया है .बहुत समय से हमारे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भी 'भारत रत्न दिए जाने का मुद्दा उठाया जाता रहा है .
यदि पूर्व में घटी घटनाओं पर एक नजर डालें तो यह तथ्य भी प्रकट होता है कि इस पुरस्कार के निर्धारण में राजनीति भी खेली जाती है .हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के परिजनों ने ''बहुत देर से यह सम्मान '' नेता जी को दिए जाने पर वापस लौटा दिया था . ऐसे में जब भी कोई इस सम्मान को किसी व्यक्ति विशेष को दिए जाने की मांग उठाता है तब दूसरा पक्ष किसी दूसरे को दिए जाने की वकालत करता है .राजनैतिक पार्टियाँ तो अक्सर इसमें भी अपना हित तलाशने लगती हैं .
एक विचार मस्तिष्क में आया है जिसे आप सभी से साझा करना चाहती हूँ क्यों न ''भारत रत्न'' चुनने का अधिकार भी भारतीय जनता को प्रदान किया जाये ?सरकार किसी वर्ष विशेष में ''भारत रत्न '' के लिए दस नामों को चुने और हमें यह अधिकार दिया जाये कि हम उनमें से किसी एक को उस वर्ष के लिए ''भारत रत्न '' चुने .ऐसी प्रक्रिया से इस सर्वोच्च सम्मान की गरिमा बची रहेगी और हमारे लोकतान्त्रिक देश की प्रतिष्ठा में चार चाँद लग जायेंगें .आपका क्या विचार है?
शिखा कौशिक
उत्तम विचार , इसीलिए सरकार इसे नहीं करेगी .
ReplyDeleteबेकार विचार, क्योंकि इसमें सरकार का कोई लाभ नहीं है
शिखा जी , आप जनता हो , जरा नेताओं के दृष्टिकोण से देखने की आदत भी डालो .
आपकी बात में दम तो है, मगर इस पर अमल होना उतना ही कठिन, यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए लोकपाल की तरह की मुहिम छेडनी होगी
ReplyDeleteASHOK JI AND TEJVANI JI THANKS TO SUPPORT MY VIEW .
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