24.11.11

दिल दुःखाने की शर्त । (गीत ।)





दिल दुःखाने की शर्त । (गीत ।)


http://mktvfilms.blogspot.com/2011/11/blog-post_24.html


दिल दुःखाने की शर्तें लगाते क्यूँ हो?

बेकसुरों  को अक्सर रूलाते क्यूँ  हो..!!

उठ  जायेगा कोई,जहाँ  से एक दिन?

यारों  को तुम अक्सर सताते क्यूँ हो?


अंतरा-१.


यूँ  सजना - सँवरना, अच्छा तो नहीं,

वक़्त - बेवक़्त   टहलना   अच्छा  नहीं,

मक़सद   है   क्या, जान पायेगा  कौन?

यारों  को  तुम  अक्सर सताते क्यूँ  हो?

दिल  दुःखाने की  शर्तें  लगाते क्यूँ  हो?


अंतरा-२.


मोम  सा   होना  कोई   ख़ता  तो नहीं,

आग में पिघलना, कोई गुनाह तो नहीं,

इक  इशारे  पर, मर जाते आशिक कई,

ठोकरों  में  दिल सब  के उड़ाते क्यूँ  हो ?

दिल  दुःखाने  की  शर्तें लगाते क्यूँ  हो ?


अंतरा-३.


ग़म के मारों  पर  ऐसे   न  हँसा  करो,

दिल  दुःखाने  के बहाने  न  ढूँढा  करो,

इतनी  भी  दिल्लगी अच्छी तो नहीं  है,

हर बात  मज़ाक में तुम उड़ाते क्यूँ  हो?

दिल  दुःखाने  की शर्तें लगाते क्यूँ  हो ?


अंतरा-४.


हद   से   गुज़रना  अच्छा  तो  नहीं  है,

निहत्थों   पे   वार,  अच्छा  तो  नहीं  है,

तोड़   कर   ऐतबार,  बनते   हो    भोले?

झूठी   क़समें,  ख़ुदा  की  खाते  क्यूँ  हो?

दिल  दुःखाने  की  शर्तें  लगाते क्यूँ  हो ?




बेकसुरों  को  अक्सर  रूलाते   क्यूँ   हो..!!

यारों   को  तुम    अक्सर  सताते क्यूँ हो?


मार्कण्ड दवे । दिनांक-२४-११-२०११.

No comments:

Post a Comment