थूंक के चाटना
भरी दोपहर में बच्चों के हो-हल्ले ने हमारी नींद में खलल डाल दी थी, रविवार को ही थकान उतारने का
समय मिलता है और इस दिन भी बच्चों का हंगामा .हम तेस में आ गए ,फटाफट कमीज डाली और
निकले बच्चो को सबक सिखाने .
बच्चों इस भरी दोपहरी में क्यों चिल्ला रहे हो ?
एक बच्चा बोला -"अंकल ,हम सरकार -सरकार खेल रहे थे मगर टौमी ने गलत फैसला लिया इसलिए
ये हो-हल्ला हो गया."
हमने टौमी की खबर ली -क्यों रे ,क्या फैसला कर दिया की इतना हंगामा कर दिया ?
टौमी बोला-"अंकलजी ,हम दूकान लगा रहे थे इसलिए रामू ,शामू ,बबली ,बबलू की दुकाने बंद करने का
आदेश दिया ,लेकिन ये मेरी बात को मान ही नहीं रहे थे .
हमने उन बच्चों से पूछा -टौमी को तुम लोगो ने अपना लीडर चुना और इसकी बात भी नहीं मानकर
तुम खेलने की जगह लड़ने लग गये,ऐसा मत करो ,और बिना हो-हल्ला किये खेलो .
बच्चे बोले-अंकल ,हम जब तक फैसला टौमी नहीं बदलता है तब तक नहीं मानने वाले.ये हम चारों को
नुकसान पहुंचा करके खुद अकेला दूकान चलाना चाहता है.
हमने कहा-बच्चो ,टौमी की सोच बड़ी है .देखो ,टौमी की बड़ी दूकान से तुम लोगो को चोकलेट सस्ती
मिलेगी .ये ज्यादा मात्रा में खरीद कर सस्ता लेगा और तुम्हे भी सस्ता देगा .
मेरी बात का विरोध कर रामू बोला -लेकिन अंकल हम चारों की तो दुकाने बंद हो गयी ना .हम ये बात
नहीं मानेगे .तभी शामू चिल्लाया -अंकल -हाय-हाय .
मेरे विरोध में सभी बच्चे नारे लगाने लगे तो मेने उनको डपट कर चुप किया और बोला -टौमी ,इनकी
बात मान ले और हंगामा ख़त्म कर .
टौमी सभी बच्चों को अपने खिलाफ देख बोला -अंकल ,आप कहते हैं तो मैं अपना फैसला बदल लेता
हूँ ,अब इन चारों की दुकाने बंद नहीं होगी .
सभी बच्चे खुश हो गये .तभी बबलू बोला -हम टौमी को इसे माफ नहीं करेंगे .हम उसको एक शर्त
पर अपने साथ खेलने देंगे यदि वह थूंक कर चाटे.
बबलू की बात सुन कर मुझे भी पसीने आ गये .अब तो सभी बच्चे बबलू के समर्थन में एक हो गये .
मैं तो बिना बात ही फँस गया था ,अब कैसे बच्चो को समझाया जाए .बच्चे फिर हो-हल्ला करने लग
गये .टौमी भी बेचारा बन गया था .थोड़ी देर के हंगामे के बाद टौमी ने कहा -मैं एक शर्त पर ही थूंक
कर चाटूंगा?
सभी बच्चा पार्टी ने हो-हल्ला बंद किया और टौमी से शर्त पूछी .टौमी ने कहा -मेरे थूंक कर चाटने के
बाद खेल शान्ति से चलेगा और लीडर मैं ही रहूंगा.
बच्चे थोड़ी देर विचार विमर्श में लग गये और फिर टौमी की बात मान ली .
टौमी भी खुश होकर झट से अपनी हथेली पर थूंका और फट से चाट लिया .
बच्चो का खेल फिर से शुरू हो गया और मेने भी आई आफत को टलते देख घर का रुख किया
भरी दोपहर में बच्चों के हो-हल्ले ने हमारी नींद में खलल डाल दी थी, रविवार को ही थकान उतारने का
समय मिलता है और इस दिन भी बच्चों का हंगामा .हम तेस में आ गए ,फटाफट कमीज डाली और
निकले बच्चो को सबक सिखाने .
बच्चों इस भरी दोपहरी में क्यों चिल्ला रहे हो ?
एक बच्चा बोला -"अंकल ,हम सरकार -सरकार खेल रहे थे मगर टौमी ने गलत फैसला लिया इसलिए
ये हो-हल्ला हो गया."
हमने टौमी की खबर ली -क्यों रे ,क्या फैसला कर दिया की इतना हंगामा कर दिया ?
टौमी बोला-"अंकलजी ,हम दूकान लगा रहे थे इसलिए रामू ,शामू ,बबली ,बबलू की दुकाने बंद करने का
आदेश दिया ,लेकिन ये मेरी बात को मान ही नहीं रहे थे .
हमने उन बच्चों से पूछा -टौमी को तुम लोगो ने अपना लीडर चुना और इसकी बात भी नहीं मानकर
तुम खेलने की जगह लड़ने लग गये,ऐसा मत करो ,और बिना हो-हल्ला किये खेलो .
बच्चे बोले-अंकल ,हम जब तक फैसला टौमी नहीं बदलता है तब तक नहीं मानने वाले.ये हम चारों को
नुकसान पहुंचा करके खुद अकेला दूकान चलाना चाहता है.
हमने कहा-बच्चो ,टौमी की सोच बड़ी है .देखो ,टौमी की बड़ी दूकान से तुम लोगो को चोकलेट सस्ती
मिलेगी .ये ज्यादा मात्रा में खरीद कर सस्ता लेगा और तुम्हे भी सस्ता देगा .
मेरी बात का विरोध कर रामू बोला -लेकिन अंकल हम चारों की तो दुकाने बंद हो गयी ना .हम ये बात
नहीं मानेगे .तभी शामू चिल्लाया -अंकल -हाय-हाय .
मेरे विरोध में सभी बच्चे नारे लगाने लगे तो मेने उनको डपट कर चुप किया और बोला -टौमी ,इनकी
बात मान ले और हंगामा ख़त्म कर .
टौमी सभी बच्चों को अपने खिलाफ देख बोला -अंकल ,आप कहते हैं तो मैं अपना फैसला बदल लेता
हूँ ,अब इन चारों की दुकाने बंद नहीं होगी .
सभी बच्चे खुश हो गये .तभी बबलू बोला -हम टौमी को इसे माफ नहीं करेंगे .हम उसको एक शर्त
पर अपने साथ खेलने देंगे यदि वह थूंक कर चाटे.
बबलू की बात सुन कर मुझे भी पसीने आ गये .अब तो सभी बच्चे बबलू के समर्थन में एक हो गये .
मैं तो बिना बात ही फँस गया था ,अब कैसे बच्चो को समझाया जाए .बच्चे फिर हो-हल्ला करने लग
गये .टौमी भी बेचारा बन गया था .थोड़ी देर के हंगामे के बाद टौमी ने कहा -मैं एक शर्त पर ही थूंक
कर चाटूंगा?
सभी बच्चा पार्टी ने हो-हल्ला बंद किया और टौमी से शर्त पूछी .टौमी ने कहा -मेरे थूंक कर चाटने के
बाद खेल शान्ति से चलेगा और लीडर मैं ही रहूंगा.
बच्चे थोड़ी देर विचार विमर्श में लग गये और फिर टौमी की बात मान ली .
टौमी भी खुश होकर झट से अपनी हथेली पर थूंका और फट से चाट लिया .
बच्चो का खेल फिर से शुरू हो गया और मेने भी आई आफत को टलते देख घर का रुख किया
अनन्वय का बढि़या उदाहरण है आपकी यह कहानी।
ReplyDeleteअति सुंदर एफ.डी़ आई की बैंड बजा दी आपने.....
ReplyDeleteयह तो रोज का ही खेल हो गया है।
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