लम्बा बा राह बहुत बेर नवल आवत बा ,
भैया हो, बबुआ हो नपले के मोल बा ।
हरे राम , हरे कृष्ण जपले के मोल बा ॥
झाड़ी -झखरियन के, सुखल लकरियन के
फूंके सुनगावे आ तपले के मोल बा ।
हरे राम , हरे कृष्ण जपले के मोल बा ॥
मेहनत , ईमान धरम , हमरा रावा खातिर
नेतवन के खातिर त घपले के मोल बा ।
ले के मशाल हाथ , नाम महावीरजी के
भ्रष्टंह के छान्हीन प टपले के मोल बा ।
हरे राम , हरे कृष्ण जपले के मोल बा ।।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने की अनुकम्पा करें.
dhanywaad!shuklaji , aapake blog par achchha laga .
ReplyDelete