16.12.11

आग से खुले कई राज, हरकत में आई सरकार और वीरान हुआ अस्पताल

शंकर जालान

कोलकाता,। शुक्रवार तड़के एएमआरआई (आमरी) अस्पताल में लगी आग ने एक ओर जहां अस्पताल प्रबंधन, कोलकता नगर निगम और राज्य सरकार की नाकामी के कई राज खोले। वहीं, दूसरी ओर इस दर्दनाक घटना के एक दिन बाद यानी शनिवार को अस्पताल की सात मंजिली इमारत वीरानी में तब्दील हो गई। अस्पताल परिसर में जगह-जगह बिखरे शीशे, खून के धब्बे और धुएं की गंध कल घटी भीषण अग्निकांड की घटना के मूक गवाह रहे। इस दर्दनाक घटना के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और इसी घटनाओं की रोकथाम के लिए शनिवार को पांच सदस्यीय कमिटी का गठन किया।
यहां यह बताते चले की आमरी अस्पताल में आग लगने का यह नया और पहला मामला नहीं था। इस अस्पताल में तीन साल पहले यानी 2008 भी आग लगी थी। उस वक्त कोई हताहत नहीं हुआ था। लगता है कि अस्पताल प्रबंधन ने इन हादसों से सबक नहीं सीखा। घटना की बड़ी वजह अस्पताल के भूतल (बेसमेंट) में ज्वलनशील पदार्थों के जखीरे को भी माना जा रहा है। सिर्फ पार्किंग के लिए इस्तेमाल होने के लिए बने बेसमेंट में अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल स्टोर, आॅक्सीजन सिलेंडर और तमाम अन्य चीजों का गोदाम बना रखा था।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अस्पताल की लापरवाही सिर्फ बेसमेंट के गलत इस्तेमाल तक सीमित नहीं है। चौंकाने वाली और भी बातें सामने आई हैं कि एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एईआरबी) से बिना किसी वाजिब अनुमति लिए पिछले एक साल से अस्पताल का रेडियोलॉजी विभाग भूतल में काम कर रहा था। नेशनल एक्रीडीटेशन बोर्ड आॅफ हॉस्पिटल्स (एनएबीएच) ने भी बीते नवंबर में ही अस्पताल की मान्यता रद्द कर दी थी। एनएबीएच के सचिव डॉ. गिरधर ज्ञानी ने इस बाबत कहा कि अस्पताल में आपदा के समय सुरक्षित बाहर निकलने के सही इंतजाम नहीं हैं।
बनी कमिटी : अस्पताल के पुराने ब्लॉक में अब भी कुछ मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों की देखभाल करने के लिए न तो कोई डॉक्टर है और न ही कोई नर्स। इन मरीजों के परिजन काफी परेशान हैं। अग्निकांड की वजह से अस्पताल के दो अन्य खंडों में सन्नाटा पसरा है। उसमें भर्ती मरीजों को उनके परिजन अन्य अस्पतालों में ले गए हैं।
भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने तथा अस्पतालों समेत अन्य प्रतिष्ठानों में अग्निशमन की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी के लिए दमकल मंत्री जावेद अहमद खान ने पांच सदस्यीय कमिटी गठित की है। एडीजी (फायर) देवप्रिय विश्वास की अध्यक्षता में गठित कमिटी में डीजी (फायर) डीबी तरानिया, बरेन सेन (पूर्व निदेशक, फायर), अनिल चक्रवर्ती (आईएफएस) और एक चिकित्सक सुदीप्त सरकार को रखा गया है।
खान ने शनिवार को राइटर्स बिल्डिंग में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और अस्पतालों सहित स्कूल, कॉलेज व अन्य प्रतिष्ठानों में अग्निशमन व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद पांच सदस्यीय कमिटी गठित की। दमकल मंत्री ने कहा कि एडीजी फायर विश्वास की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमिटी गठित की गई है। कमिटी के सदस्य सोमवार से विभिन्न अस्पतालों सहित स्कूल कॉलेज शापिंग माल व अन्य प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण करेंगे। कमिटी सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रिपोर्ट करेगी। खान ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों में अग्निशमन व्यवस्था में किसी तरह की खामी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
आमरी अस्पताल में अग्निकांड पर दमकल मंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि अस्पताल प्रबंधन यदि अग्निशमन नियमों का पालन किया होता इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। अस्पताल ने अग्निशमन व्यवस्था की अनदेखी की है। इस मामले में किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा।

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