12.12.11

माँ दुर्गा स्तुति ।





माँ  दुर्गा  स्तुति । 



गायक-श्री देवांग ठाकर, रचना-स्वरकार-संगीतकार श्रीमार्कण्ड दवे ।


http://youtu.be/zNLymwNUYeA






माँ  दुर्गा  स्तुति । 


हे  जग जननी,  हे  जगदंबा,  
मात  भवानी, जय  माँ  दुर्गा ।
हे  दुःख  हरणी, हे  बुद्धिदाता, 
मात  भवानी, जय  माँ  दुर्गा ।




अंतरा-१.




विश्व  की  तुम  हो  पालन  कर्ता, 
सकल  विश्व  की  तुम  ही  माता ।
विद्यादायिनी,  भवपार   कर्ता,  
सकल  संताप  एक  पल  में  हरता ।
आश  निराश  में  तुम  ही  सहारा,
 तु  मद  हरता. तुम  दोष  हरता ।
हे  जग जननी,  हे  जगदंबा,  
मात  भवानी, जय  माँ  दुर्गा ।




अंतरा-२.




शस्त्र में  तुम  हो, अस्त्र में  तुम  हो, 
मंत्र में  तुम  ही, सुर में  समाता ।
त्रिविध  ताप  को  तुम  ही   हरता, 
मैं  नत  मस्तक, शीश   झुकाता ।
जीवन  धन   में   शक्तिदाता,  
सकल   विश्व   की   पालन   कर्ता ।
श्रद्धा में  तुम हो, सिद्धि में  तुम  हो, 
प्राण  से  मेरे, अजब  का  नाता ।
हे  जग जननी,  हे  जगदंबा,  
मात  भवानी, जय  माँ  दुर्गा ।




अंतरा-३.




नवरात्री  का  पर्व  है  आया, 
गगन  मंडल  में  तव  नाम  गूंजता ।
भारत  भर  में  तेरा  डेरा, 
सकल  भक्त  का  जहाँ   लगता  मेला ।
तेरे  दरस  को   मनवा  तरसता,
 `जय माता दी`, हर पल  रटता ।
क्रिपा  कर   दे,  दरस  दिखा  दे, 
 हे  माँ  दुर्गा  भाग्य  विधाता ।
हे  जग जननी,  हे  जगदंबा,  
मात  भवानी, जय  माँ  दुर्गा ।




हे  जग जननी,  हे  जगदंबा,  
मात  भवानी, जय  माँ  दुर्गा ।
हे  दुःख  हरणी, हे  बुद्धिदाता,
 मात  भवानी, जय  माँ  दुर्गा ।




मार्कण्ड दवे । दिनांक-२५-०८-२०११,

1 comment:

  1. प्रांजल भाव और लय लिए प्रस्तुति .

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