माँ दुर्गा स्तुति ।
गायक-श्री देवांग ठाकर, रचना-स्वरकार-संगीतकार श्रीमार्कण्ड दवे ।
http://youtu.be/zNLymwNUYeA
माँ दुर्गा स्तुति ।
हे जग जननी, हे जगदंबा,
मात भवानी, जय माँ दुर्गा ।
हे दुःख हरणी, हे बुद्धिदाता,
मात भवानी, जय माँ दुर्गा ।
अंतरा-१.
विश्व की तुम हो पालन कर्ता,
सकल विश्व की तुम ही माता ।
विद्यादायिनी, भवपार कर्ता,
सकल संताप एक पल में हरता ।
आश निराश में तुम ही सहारा,
तु मद हरता. तुम दोष हरता ।
हे जग जननी, हे जगदंबा,
मात भवानी, जय माँ दुर्गा ।
अंतरा-२.
शस्त्र में तुम हो, अस्त्र में तुम हो,
मंत्र में तुम ही, सुर में समाता ।
त्रिविध ताप को तुम ही हरता,
मैं नत मस्तक, शीश झुकाता ।
जीवन धन में शक्तिदाता,
सकल विश्व की पालन कर्ता ।
श्रद्धा में तुम हो, सिद्धि में तुम हो,
प्राण से मेरे, अजब का नाता ।
हे जग जननी, हे जगदंबा,
मात भवानी, जय माँ दुर्गा ।
अंतरा-३.
नवरात्री का पर्व है आया,
गगन मंडल में तव नाम गूंजता ।
भारत भर में तेरा डेरा,
सकल भक्त का जहाँ लगता मेला ।
तेरे दरस को मनवा तरसता,
`जय माता दी`, हर पल रटता ।
क्रिपा कर दे, दरस दिखा दे,
हे माँ दुर्गा भाग्य विधाता ।
हे जग जननी, हे जगदंबा,
मात भवानी, जय माँ दुर्गा ।
हे जग जननी, हे जगदंबा,
मात भवानी, जय माँ दुर्गा ।
हे दुःख हरणी, हे बुद्धिदाता,
मात भवानी, जय माँ दुर्गा ।
मार्कण्ड दवे । दिनांक-२५-०८-२०११,
प्रांजल भाव और लय लिए प्रस्तुति .
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