अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
1.12.11
नहीं मैंने कभी
नहीं मैंने कभी वैसा इरादा ही किया होगा , तुम्हारे साथ या चलने का वादा ही किया होगा । तमाशाबीन था मैं भी छलावे में कहाँ आये , कैमरा सामने था शोर मैं ज्यादा किया होगा ।
No comments:
Post a Comment