शंकर जालान
कोलकाता,। बीते कई सप्ताह से सियालदह स्टेशन परिसर में कचरे का अंबार लगा है। इस वजह से राहगीरों व रेलयात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जहां-तहां बिखरे कचरे के साथ-साथ जाम की भी विकट समस्या है। जाम के कारण कई बार नित्य यात्री समय पर लोकल ट्रेन नहीं पकड़ पाते। लोगों का कहना है कि इस बाबत कई बार स्थानीय पार्षद से शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने कई पहल नहीं की। नहीं है। वहीं रेलवे प्रबंधक से की गई शिकायत पर भी ध्यान नहीं दिया गया। लोगों ने बताया कि पार्षद कहती है यह काम कोलकाता नगर निगम का नहीं रेलवे का है। वहीं रेलवे प्रबंधक का कहना है कि साफ-सफाई की जिम्मेवारी नगर निगम की है। नगर-निगम व रेलवे प्रबंधक की खींचतान के बीच यात्रियों व राहगीरों को बीते कई सप्ताह से सफर करना पड़ रहा है।
इस बाबत रेलवे प्रबंधन से तो बात नहीं हुई, लेकिन वार्ड नंबर ४९ की पार्षद अपराजिता दासगुप्त ने बताया कि जहां तक नगर निगम की जिम्मेवारी और सीमा की बात है उसे नगर निगम पूरी तरह निभा रहा है। नगर निगम अधीन इलाके में रोज-सफाई होती है। इसके अलावा सियालदह स्टेशन परिसर में यात्रियों व राहगीरों को हो रही परेशानी की मुझे कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि कभी-कभार स्ट्रीट हॉकरों की मनमानी व अवैध पार्किंग की शिकायत आती है, तो उस पर तत्काल प्रभाव से कारर्वाई कर समस्या की समाधान कर दिया दाता है।
मालूम हो कि सियालदह स्टेशन से कुछ ही दूरी पर शहर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी है, जिसे कोले मार्केट कहा जाता है। इस मार्केट में रोजाना सैंकड़ों की संख्या में सब्जियां लदी लॉरियां आती है। चौबीस घंटे चलने वाली इस सब्जी मंडी से शहर के अन्य बाजारों के दुकानदार थोक खरीदारी करते हैं। लॉरियों के जरिए इस मंडी में सब्जियों के आने और साइकिल वैन के मार्फत वापस जाने का सिलसिला दिन-रात चलता रहता है। इस वजह से मंडी व मंडी के आसपास कूड़े का अंबार लग जाता है। कूड़े के ढेर से बदबू आने लगती है, जो राहगीरों के लिए परेशानी का कारण बनती है।
स्थानीय एक नागरिक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कोले मार्केट से स्टेट बैक (बीबी गांगुली स्ट्रीट) करीब आठ सौ फीट रास्तों को पार करने पर पैदल यात्रियों को १० से १२ मिनट लग जाते हैं। यदि वाहन (गाड़ी) हो तो कितना समय लगेगा भगवान ही जाने। कोले मार्केट के आसपास के लोगों ने बताया कि नगर निगम अपनी जिम्मेवारी से मुंह मोड़ रहा है। मसलन साफ-सफाई, अवैझ पार्किंग की दिशा में कोई कारर्वाई नहीं हो रही है। शिकायत करने पर पार्षद का जवाब होता है, जैसा चल रहा है वैसा चलने दो।
कोले मार्केट की समस्या पर पार्षद ने अपनी सफाई में बताया कि यह शहर की सबसे बड़ी सब्जी है। यहां प्रतिदिन पांच सौ से ज्यादा ट्रक आते और खाली होते हैं। इसलिए थोड़ी-बहुत जाम समस्या तो रहेगी हीं। रही बात गंदगी कि कच्चे सब्जियों का मामला को। मैं मानती हूं कि नहीं बिकी सड़ी-गली सब्जियों से गंदगी होती है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि नियमित सफाई होती है।
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