19.1.12

जय हो भारत माता की !


जय  भारत माता की 
जय हो भारत माता की !
Azadi 15 august
[गूगल से साभार ]
[मेरी आवाज़ में ]

धरती से लेकर अम्बर तक ;
सूरज से लेकर समंदर तक;
पूरब से लेकर पश्चिम तक ;
उत्तर से लेकर दक्षिण तक ;
जय भारत माता ........


सीमाओं पर डट जाओ;
माँ की आन पे मिट जाओ ;
दुश्मन  से   जा टकराओ ;
मार दो या  मर जाओ ;
ye  kahte  nikle  dam     
जय  भारत  माता   की !


लक्ष्य से  विचलित  ना  हो  मन ;
रखना  सुरक्षित  अपना  वतन  ;
शत्रु  की चाल  को  करके विफल;
दिखला देना बाहुबल;
बस लबो  पे रहे  हरदम   
जय  भारत  माता  की .
                                             जय  हिंद !
                                       शिखा  कौशिक   
                                      [विख्यात ]


3 comments:

  1. जय न गण की है
    जय न तन्त्र की है
    न ही जय भारतमाता की
    आज तो जय है..........
    स्वार्थ माता की
    रिश्वत माता की
    कुर्सी माता की
    सत्ता माता की
    ...........पता नही आप
    किस दुनियां में रहती/रहते हैं
    आपकी कविताएं आपको ही अच्छी
    लगती होंगी............या फिर सपनों में
    जीने वालो को..............
    मुझे तो धेले की नही लगी..........

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  2. jo log maa ka samman karna nahi jante vo aise hi comment karte hain .aapka dosh nahi .

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