17.1.12

Political Dairy of Seoni Dist- Of M.P.

इंका और भाजपा ने टेंकरों पर विज्ञप्ति का खेल तो खूब खेला लेकिन नेताओं बचाने शिकायत नहीं की गयी

बीते दो सप्ताह से सिवनी के पूर्व और वर्तमान भाजपा विधायक नरेश दिवाकर और नीता पटेरिया के कारनामे चर्चित रहें। अटल जी जन्म दिन पर आरती की थाली से रूपये उठाने का नीता का मामला चर्चित रहा तो कुछ ही दिन बाद कालेज के ऐनुवल डे में नरेश द्वारा सुनाया गया एस.एम.एस। कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने नीता प्रकरण में तो विज्ञप्ति जारी कर नीता और भाजपा को कठघरे में खड़ा किया लेकिन नरेश के मामले में सभी ने चुप्पी साध ली हैं।विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह और अटल जी के जन्म दिन पर विधायक निधि से बांटें गयें टेंकर विवादों में तो बहुत रहें लेकिन इंका और भाजपा दोनों ने ही किसी की भी शिकायत करना जरूरी नहीं समझा। प्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर जिले में कांग्रेजनों ने 9 जनवरी को जेल भरो आंदोलन किया जिसे एक सफल आंदोलन माना जा रहा है जिसमें हजारों कांग्रेसियों ने गिरफ्तारी दी हैं। दूसरे ही दिन भाजपा का लोकतंत्र बचाओ मौन धरना दिया गया। इसमें जितने नेता बोल सकते थे उन सबने खूब बोला लेकिन मौन धरने के निर्देशों का पालन भी किया गया लेकिन केवल उनने जो भाषण नहीं दे सकते थे। गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी की केवलारी की आम सभा भी अजीबो गरीब रही।पहले तो केवलारी के उस.डी.एम. ने सभा की अनुमति दे दी फिर ना जाने ऐसा क्या हुआ कि दी गयी परमीशन रद्दकर दी गयी लेकिन इसके बाद भी पूरी शानो शौकत से सभा हो भी गयी।

नरेश पर इंका की चुप्पी हरवंश से नूरा कुश्ती का प्रमाण -बीते दो सप्ताह से सिवनी के पूर्व और वर्तमान भाजपा विधायक नरेश दिवाकर और नीता पटेरिया के कारनामे चर्चित रहें। अटल जी जन्म दिन पर आरती की थाली से रूपये उठाने का नीता का मामला चर्चित रहा तो कुछ ही दिन बाद कालेज के ऐनुवल डे में नरेश द्वारा सुनाया गया एस.एम.एस. कि,“सीता के वनवास जाने में भी बहुत बड़ी सीख है, घर में तीन तीन सास हों तो जंगल ही ठीक हैं।“ कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने नीता प्रकरण में तो विज्ञप्ति जारी कर नीता और भाजपा को कठघरे में खड़ा किया लेकिन नरेश के मामले में सभी ने चुप्पी साध ली हैं। हालांकि दोनों ही भाजपा नेता प्रदेश के महत्वपूर्ण नेता हैं। नीता तो प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष हैं तो नरेश महाकौशल विकास प्राधिकरण के कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष हैं। वैसे नरेश दिवकार के पहले चुनाव से ही इंका और भाजपा में हरवंश नरेश नूरा कुश्ती के जो आरोप लगना शुरू तो वे अभी तक जारी हैं और समय समय पर उसकी पुष्टि के प्रमाण भी मिलते रहते हैं। पिछले कई सालों से जिले के कांग्रेस के सभी पदाधिकारी हरवंश समर्थक ही बनते आये हैं इसलिये सब कुछ उनके इशारों पर ही होता हैं। कोई भी अपने मन से कुछ नहीं कर सकता हैं। इसीलिये नरेश के राजनैतिक रूप से ज्यादा व्यापक और महत्वपूर्ण राजनैतिक मुद्दे पर जिला इंका सहित सभी चुप रहे। प्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर जेल भरो आंदोलन के दौरान इंका नेता आशुतोष वर्मा ने अपने संबोधन में जरूर इस मामले पर ना केवल नरेश और भाजपा को आड़े हाथों लिया वरन स्वयं ही मंच और जिला कांग्रेस की तरफ से इसकी घोर निंदा कर दी जबकि वे जिला इंका के कार्यकारिणी सदस्य तक नहीं हैं। हरवंश नरेश की यह नूरा कुश्ती और ना जाने क्या क्या गुल खिलायेगी? यह तो भविष्य ही बतायेगा।

टेंकरों पर राजनीति तो हुयी पर शिकायत नहीं-विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह और अटल जी के जन्म दिन पर विधायक निधि से बांटें गये टेंकर खूब विवादों में रहे। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने एक दूसरे पर विज्ञप्ति के माध्यम से तो बहुत आरोप लगाये लेकिन इस बात का भी ख्याल रखा कि कोई भी नेता इसमें फंस ना पाये। इसलिये ना तो कांग्रेस ने नीता पटेरिया के मंहगें टेंकरों की कोई शिकायत लिखित में की और ना ही भाजपा ने क्रय एवं भंडारण नियमों की अनदेखी की हरवंश सिंह के टेंकरों की शिकायत की हैं। इस तरह से इंका और भाजपा ने एक दूसरे पर विज्ञप्ति के माध्यम से आरोप लगाकर अखबारों की सुर्खियां तो बटोर ली लेकिन किसी भी नेता को जांच के कठघरे में लाने से भी परहेज किया। इंका और भाजपा दोनों ही पार्टियों के युवा जिला अध्यक्ष हीरा आसवानी और सुजीत जैन के नेतृत्व में राजनीति का खेल भी हो गया और किसी का कुछ बिगड़ा भी नहीं।शायद इसी खेल को आज कल राजनीति में कूट नीति कहते हैं।

सफल रहा कांग्रेस का जेल भरो आंदोलन -प्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर जिले में कांग्रेजनों ने 9 जनवरी को जेल भरो आंदोलन किया। कई दिनों बाद जिले के कांग्रेसियों में उत्साह दिखा। वैसे भी पिछले आठ साल से ऐसा कोई आंदोलन नहीं हुआ था जो विपक्ष में रहने वाली पार्टी के कार्यकर्त्ताओं में जोश भरने के लिये जरूरी होता हैं। वैसे तो इस कार्यक्रम की कमान भी जिले के इकलौते विधायक हरवंश सिंह के ही हाथों में थी लेकिन इस आंदोलन में वैसा सैलाब नहीं उमड़ा जो कि शहर वालों ने इल्ली और न्याय रैली में देखा था। हरवंश सिंह के नेतृत्व में जिले में इल्ली प्रकोप से क्षतिग्रस्त हुयी सोयाबीन की फसल के लिये ये रैली निकाली गयी थी और न्याय रैली उस वक्त निकली थी जब तत्कालीन सांसद नीता पटेरिया की पहल पर हरवंश सिंह एवं उनके साथियों के खिलाफ घारा 307 का प्रकरण दर्ज हुआ था। हालांकि आज तक उस प्रकरण का चालान शिवराज सरकार कोर्ट में पेश नहीं कर पायी हैं। लेकिन ऐसी ऐतिहासिक रैली अब तक नहीं निकल पायी हैं। लेकिन जिला इंकाध्यक्ष हीरा आसवानी और नगर इंकाध्यक्ष इमरान पटेल के कार्यकाल का यह पहला आंदोलन था। हालांकि जिला कांग्रेस के इस जेल भरो आंदोलन को एक सफल आंदोलन ही माना जायेगा जिसमें हजारों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्त्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी देकर प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ शंखनाद किया हैं। यदि यही वातावरण चुनाव तक बना रहा और भीतरघात की पुनरावृत्ति नहीं हुयी तो जिले में कांग्रेस की हालत में सुधार आ सकता हैं।

भाजपा के मौन धरने में जम कर हुयी भाषणबाजी -कांग्रेस के आंदोलन के दूसरे ही दिन जिला भाजपा ने भी प्रदेश के निर्देश पर लोकतंत्र बचाओ का धरना दिया। हालांकि यह मौन धरना था लेकिन जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष्र प्रभात झा ही आधा घंटा भी मौन नहीं रह पाये तो भला सिवनी के भाजपायी कैसे पीछे रह सकते थे। भाजपा नेताओं भीषण भाषणबाजी की और बाकायदा विज्ञप्ति भी जारी कर कांग्रेस की केन्द्र सरकार के खिलाफ आरोप लगाये गये। जितने नेता बोल सकते थे उन सबने खूब बोला लेकिन मौन धरने के निर्देशों का पालन भी किया गया लेकिन केवल उनने जो भाषण नहीं दे सकते थे।

गौगपा की केवलारी में सभा संपन्न -गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी की केवलारी की आम सभा भी अजीबो गरीब रही। पहले तो केवलारी के उस.डी.एम. ने सभा की अनुमति दे दी फिर ना जाने ऐसा क्या हुआ कि दी गयी परमीशन रद्दकर दी गयी लेकिन इसके बाद भी पूरी शानो शौकत से सभा हो भी गयी। इस सभा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम भी आये थे। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा से आदिवासी भाइयों को बचने की सलाह देते हुये कहा कि दोनों ही समाज के शोषक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गौंड़ राजवंशों के शासन काल में ना तो चोरी होती थी और ना ही कोई भिखारी दिखता था लेकिन आज क्या हालात है? यह सभी देख रहें हैं। उन्होंने एक नक्शे की चर्चा भी जो कि क्षेत्रीय विधायक द्वारा गांवों में दिखाया जा रहा हैं कि उनके द्वारा नहरों की लाइनिंग का काम प्रस्तावित कर दिया है जो कि शीघ्र ही चालू होने वाला हैं।आपने यह भी कहा कि ऐसेही पिछले चुनावों में पेंच की नहरों के लिये चूने की लाइनें डल गयीं थीं और वे चुनाव तो जीत गये थे लेकिन पेंच का काम अभी भी लटका पड़ा हैं। गौंड़वाना गणतंत्र पार्टी की सभा में अच्छी खासी उपस्थिति आदिवासी वोटरों के मिजाज को दिखा रही थी।

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