स्त्री
सृष्टि की अद्वितीय कृति है। वह सौंदर्य का पर्याय है। मेरा सदैव मत रहता
है- दुनिया में कोई भी स्त्री असुंदर नहीं। अंतर मात्र इतना है कि कोई कम
सुंदर है और कोई अधिक सुंदर। भारतीय संस्कृति में स्त्री के चित्र सदैव
सुरूप दिखाए गए। उसे नग्न करने की जब-जब कोशिश हुई, समाज ने तीव्र विरोध
जताया। तथाकथित महान चित्रकार एमएफ हुसैन 'स्त्री को नग्न' दिखाने की विकृत
मानसिकता के चलते ही देश छोडऩे पर मजबूर हुए। वे अपनी गलती स्वीकार कर
बदलने को तैयार नहीं थे और देश उन्हें झेलने को तैयार नहीं था। भारत में
स्त्री को सौंदर्य की प्रतिमा माना गया। उसे 'देवी' कहकर संबोधित किया
गया। सुंदरी पुकारा गया। रूपमति कहा गया। हिरण जैसी खूबसूरत आंखों वाली
स्त्री को कवि ने मृगनयनी कहा। उसकी दैहिक नाजुकता और कोमलता का निरुपण
फूलों से तुलना कर किया गया। पद्मिनी कहा गया। मनीषियों ने उसे दिव्य
प्रकाश के समकक्ष रखकर उज्ज्वला कहा। अच्छी देह की स्वामिनी स्त्री का
सुघड़ा कहा। सब उत्तम कोटि के शब्द हैं। कोई शब्द ओछा नहीं, जो स्त्री के
सम्मान में गुस्ताखी की जुर्रत कर सके। कोई भी शब्द उसके शरीर को नहीं
उघाड़ता। एक भी शब्द स्त्री को यौन प्रतीक नहीं बनाता। भारत में सुन्दरता
के संदर्भ में कभी भी स्त्री को 'सेक्सी' कहकर संबोधित नहीं किया गया।
'सेक्सी' शब्द का यौनिक अभिव्यक्ति के लिए जरूर उपयोग किया जाता रहा है।
अंग्रेजी शब्दकोश में भी 'सेक्सी' का अर्थ काम भावना से संबंधित लिखा है।
वहीं सुन्दरता के लिए तमाम शब्द है- लवली, ब्यूटीफुल, प्रिटी, स्वीट,
डिवाइन, फेयरी, ग्रेसफुल, फाइन इत्यादि। सुन्दर का पर्याय सेक्सी नहीं है।
वहीं हिन्दी के शब्दकोश में भी सुन्दर के लिए कई मनोहारी शब्द हैं - शोभन,
अच्छा, भला, खूबसूरत, प्यारा, दिव्य, उत्कृष्ट, मधुर इत्यादि। सुन्दर का
मतलब सेक्सी कहीं नहीं मिला।
स्त्री को भोग वस्तु मानने वालों
को, स्त्री को वासना की दृष्टि से देखने वालों को और उससे अशोभनीय भाषा में
बात करने वालों को भारतीय समाज लंपट कहता है। भारत में स्त्री के लिए
सेक्सी शब्द सुन्दरता का पर्याय नहीं। लेकिन, राष्ट्रीय महिला आयोग की
अध्यक्ष ममता शर्मा ने लड़कियों को सलाह दी है कि वे लड़कों के द्वारा बोले
जाने वाले सेक्सी शब्द को नकारात्मक ढंग से न लें और बुरा न मानें। इतका
मतलब सुन्दरता होता है। मोहतरमा ने यह बात महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के
सुनहरे भविष्य को लेकर आयोजित सेमिनार में कही। सुन्दरता की इस परिभाषा पर
बिना देर किए हंगामा बरपा। पुरुषवादी और महिलावादी संगठनों ने महिला आयोग
की अध्यक्ष के बयान का तीव्र विरोध जताया। बौंहे तानी। तमाम स्वतंत्र
विचारकों, समाजसेवियों और संगठनों ने महिला आयोग की अध्यक्ष के इस बयान को
'स्त्रियों से छेड़छाड़' को बढ़ावा देने वाला माना। आंशिकतौर पर यह सच भी
है। मनचले, सड़कछाप मजनू और आवारगी करते लड़के 'हे, सेक्सी' कहकर लड़कियों
को सरेराह छेड़ेंगे। लड़की आंख तरेरेगी तो कह भी सकेंगे- तुम्हारे अधिकारों
के संरक्षण के लिए बैठी महिला ने कहा है कि सेक्सी का मतलब सुन्दरता है।
तुम कोई और अर्थ न लगाओ।
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बौंहे तानी। तमाम स्वतंत्र विचारकों, समाजसेवियों और संगठनों ने महिला आयोग की अध्यक्ष के इस बयान को 'स्त्रियों से छेड़छाड़' को बढ़ावा देने वाला माना। आंशिकतौर पर यह सच भी है। मनचले, सड़कछाप मजनू और आवारगी करते लड़के 'हे, सेक्सी' कहकर लड़कियों को सरेराह छेड़ेंगे। लड़की आंख तरेरेगी तो कह भी सकेंगे- तुम्हारे अधिकारों के संरक्षण के लिए बैठी महिला ने कहा है कि सेक्सी का मतलब सुन्दरता है। तुम कोई और अर्थ न लगाओ।
ReplyDeleteभवें या भौएँ कर लें .ये तीर कमान भवें तेरी ...