28.3.12

यकीन


वह तो मैं था,
जो तेरी बातों पर,
करता रहा यकीन।
लोग तो जमाने में,
सच बातें भी,
कहां मानते हैं।



  • रविकुमार बाबुल


चित्र : साभार गूगल

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