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भिंड रेत खदानों में करोड़ों का घपला !




भोपाल/ ग्वालियर (पोलखोल डॉट कॉम टीम ) : ग्वालियर-चम्बल संभाग कभी पीले सोने के लिए विख्यात हुआ करता था, किन्तु अब यह अवैध रेत के उत्खनन के लिए कुख्यात हो गया है. यहाँ प्रतिदिन लाखों घन मीटर रेत का अवैध उत्खनन कर उन्हें बगैर किसी रॉयल्टी के बेचा जा रहा है. यही नहीं भिंड जिले के भारोली गांव स्थित सिंध नदी पर रेत खदान माफियायों ने रॉयल्टी से तीन चार गुना अधिक पैसा वसूल कर रेत को सप्लाई किया जा रहा है. अगर सूत्रों पर भरोसा करें तो यहाँ प्रतिदिन करीब 24 लाख रूपए का घोटाला किया जा रहा है.

पोलखोल डॉट कॉम ने खदान पर कार्य कर रहें कर्मचारियों के माध्यम से भिंड जिले के भारोली गांव स्थित सिंध नदी रेत खदान पर चल रहें अवैध रेत उत्खनन की पड़ताल की तो पाया कि वहाँ पर प्रशासन की आँखों में धूल झोंक कर बहुत बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन का कार्य किया जा रहा है. खदान पर काम कर रहें कर्मचारियों ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर बताया कि यहाँ प्रतिदिन करीब 200 ट्रक और 400 ट्रेक्टर-ट्रॉलियों से रेत को लोड कर मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित राजस्थान के कुछ इलाकों में सप्लाई किया जा रहा है. पोलखोल डॉटकॉम को उपलब्ध कराये सबूतों में खुलासा हुआ है कि एक ट्रक पर 2250 रूपए रॉयल्टी के साथ 1950 रूपए खदान ड्वलप्मेंट के नाम से राशि वसूली जा रही है. यानी एक ट्रक पर नियमानुसार 4200 रूपए चार्ज बनता है जबकि ट्रक मालिक और ठेकेदारों से 4200 रूपए की जगह 16000 हजार से 18000 रूपए तक वसूल किये जा रहें हैं. यानी एक ट्रक पर 11 हजार 800 रूपए और उससे भी अधिक की वसूली अवैध तरीके से की जा रही है. अगर खदान पर कार्य कर रहे कर्मचारियों और ट्रक ड्राइवरों की माने तो प्रतिदिन 200 ट्रक और 400 ट्रेक्टर-ट्रॉली इस खदान से लोड की जा रही हैं. इस हिसाब से प्रतिदिन 23 लाख 60 हजार (सिर्फ ट्रक से) अवैध तरीके से खदान माफिया राशि वसूल रहे हैं. अगर एक माह का आंकड़ा (संभावित) निकालें तो यह राशि 7 करोड़ से ऊपर जा पहुँचती है. और पिछले दो साल का आंकड़ा मापे तो यह राशि 169.92 करोड़ से ऊपर जा पहुंचेगी.इसी तरह ट्रेक्टर-ट्रॉली पर 750 रु रोयल्टी के नाम पर रशीद दी जा रही है, जबकि ट्रेक्टर-ट्रॉली मालिकों से 2000 रु अवैध तरीके से वसूले जा रहे हैं. और यहाँ से प्रतिदिन 400 ट्रॉली रेत लोड किया जा रहा है. यानि एक ट्रॉली से 1250 रु अधिक वसूले जा रहें हैं. इस तरह प्रतिदिन 5 लाख रु अवैध तरीके से वसूले जा रहे हैं और पिछले दो सालों में 36 करोड़ रु अवैध तरीके से वसूले गए हैं. यहाँ यह बताना जरूरी है कि जबरिया अधिक राशि वसूलने के नाम पर ट्रक व ट्रेक्टर ट्रॉली मालिकों व ठेकेदारों को कुछ घन मीटर रेत ज्यादा दे दिया जाता है. यह घोटाल भिंड जिले की एक रेत खदान का है. जबकि इस जिले में इस तरह की करीब 10 अन्य खदाने संचालित की जा रही हैं. कुल मिलकर भिंड में रेत खदान माफियाओं द्वारा पिछले दो वर्षों में 205 करोड़ रूपए का घोटाला किया गया है. अगर प्रदेश सरकार इस खदानों की गहराई से जांच पड़ताल करें तो कर्नाटक खदानों से बड़ा घोटाला म.प्र के भिंड रेत खदानों से उजागर हो सकता है. इस बारे में मध्यप्रदेश की विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष व भिंड विधायक चौधरी राकेश सिंह ने कहा है कि यह पूरा कार्य प्रदेश सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डाक्टर गोविन्द सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंती के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में खदान माफिया पनप चुके हैं और इस अवैध उत्खनन को पूरी तरह शासकीय संरक्षण प्राप्त है यही वजह है कि कोई भी अधिकारी इस अवैध उत्खनन पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है. दूसरी तरफ ग्वालियर से कांग्रेस विधायक प्रद्दुम्न सिंह तोमर भिंड की रेत खदानों से किये जा रहें अवैध वसूली और उत्खनन को कर्नाटक के बेल्लारी से बड़ा घोटाला मंत्रे हैं. उनका आरोप है कि भाजपा सरकार प्रदेश में खदान माफियाओं को खुला संरक्षण प्राप्त है. जब भारौली रेत खदान के पार्टनर के.पी सिंह से इस पूरे मामले से सम्बंधित बात की तो उन्होंने किसी भी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की जाने की बात कही और आरोपों का खंडन किया.

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