भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
5.4.12
घड़ी
[कविता ]
* मेरी घड़ी कुछ दिनों से
ग़ायब थी
वह मुझे आज मिल गयी ,
घड़ी गायब हो गयी थी
लेकिन वह चल रही थी
उसने मुझे आज भी
सही समय बताया ।
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment