शायद या वास्तव में, (वैसे तो राम ही जाने) टीम अन्ना हेड श्री अन्ना हजारे बहुत ही इमानदार है, लेकिन पलटी मारने में एक्सपर्ट है. किसी भी कार्यक्रम को अधूरा बीच में छोड़ कर भागने में भी माहिर हैं, चाहे उनकी फौज की नौकरी हो, या आत्म हत्या की कोशिश, या फिर समय से पहले अनशन ख़त्म, या फिर पच्चीस अप्रैल को रालेगन जाने का कार्यक्रम ,आदि आदि जिन लोगों से घिरे है उनकी ईमानदारी, तो सभी मीडिया चनेल्स जग जाहिर कर चुके है. तात्कालिक मुफ्ती शमून काज़मी का किस्सा भी ये ही बयां करता है. अरविन्द केजरीवाल की अपराधबोध ग्रसित भाषा, उनके शब्दों का प्रयोग, उनके चेहरे की भाव, प्रशांत भूषण की काज़मी के रेकॉर्डिंग को फ़ोन से उड़ाने की कहानी, श्री अग्निवेश को बेईज्ज़त कर के निकालना, ओर भी बहुत कुछ ... आदि आदि क्या केवल अन्ना हजारे एवम उनकी टीम की पांच सदस्य ही इस पुरे एक सो बीस करोड़ की भारतवर्ष में इमानदार हैं. बाकि पूरा भारत बेईमान है. अन्ना टीम संसद के सात सौ से अधिक सांसदों की कार्यवाही की वीडिओ रेकॉर्डिंग करने की सलाह देती है. ओर अपने एक छोटे से वीडिओ क्लिप के लिए एक जिम्मेदार भारतीय मुस्लिम को जो की अन्ना का दायाँ हाथ कहा जाता था, निकाल देती है. ऐसा क्या रिकॉर्ड कर डाला काज़मी ने या फिर टीम अन्ना , अन्ना की अगवाई में और भा ज पा अवम भगवा परिवार की इशारे पर, काज़मी को निकालने का मौका ढूँढ रही थी, टीम अन्ना में वकील, पुलिस ऑफिसर, एवं भारतीय संविधान के आलाह जानकार है, वे किसी सबूत को मिटा कर काज़मी पर बेबुनियाद आरोप लगा कर कौन सा नया कानून संशोधन करवाना चाहते हैं. क्या अब वे यह दबाव डालने के लिए जंतर मंतर पर बैठेंगे, की पहले सबूत मिटाओ फिर आरोप लगाओ कानून पारित करो, इस सन्दर्भ में तो विकास यादव, और अरुशी केस में भी उन लोगों ने सबूत मिटा कर कुछ गलत नहीं किया..........अन्ना टीम के भगवा कनेक्शन की ट्यूब लाइट , केवल मुस्लिमों को दूर रख कर ही जल सकती है. इसका दूसरा तार बाबा रामदेव की मीटिंग से भी जुदा लगता है,,, आज अन्ना ओर अन्ना टीम ने एक नहीं दो पलटी मारी हैं. दूसरी बाबा रामदेव पर.......अरे इस पढ़े लिखे सिविल सोसायटी की टेलीविजन पर थूका फजीहत से तो हम भ्रष्ट ही ठीक है..... कम से कम मुस्लिम भाईयों के साथ तो रह पाएंगे. ओर कहीं ये अन्ना भरष्टाचार विरोधी मुहीम भी तो अपनी इस इमानदार टीम के हाथों सौंप कर तो नहीं चल देंगे....के व्यक्ति रालेगन के वातावरण में इमानदार हो सकता है, लेकिन अनेकता में एकता के इस देश में और भी बातों को ध्यान में रखना पड़ता है. सबसे उपर संविधान है..................जिसे टीम अन्ना के बयान सिरे से ख़ारिज करते है....
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