19.4.12

 पडोसी (?)  का  इरादा  नापाक होगा ...
हाँथ जलेगा  सरहद को छूने से....                 
यदि क्षितिज  लिया बालिस्त भर....
तो उसे वसूलेंगे हम देने  से ....
भारत सीमा से  जब  उस (?) पर ....
अग्नि -4 छोड़ा जयीगा...
पर अफ़सोस  होगा हमको .....
वह   उसको(?) पार कर  जायेगा...
अरे सीमा  पर क्या  जाना है ...
हम  दिल्ली  बैठे  छोड़ेंगे...
पडोसी(?) की इस नादानी  पर
हम उसके  कान मरोड़ेंगे....

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