और आखिर आमरण अनशन पर नहीं बैठे नरेश और कमल
सिवनी। जीवन रेखा कहलाने वाली सड़क जानलेवा बन गयी थी जिसके सुधार कार्य के प्रारंभ ना होने तक अनशन चलाने तथा 7 मई से आमरण अनशन की घोषणा करने वाले भाजपा नेताओं ने 6 मई को अनशन समाप्त कर दिया हैं। पिछले दिनों अनशन स्थल पर 2 और 5 मई को अधिकारियों के आग्रह को ठुकरा कर आमरण अनशन के लिये संकल्पित नेताओं द्वारा 24 घंटों के अंदर ही अनशन समाप्ति की घोषणा को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हैं।
उल्लेखनीय है कि बरघाट क्षेत्र के भाजपा विधायक कमल मर्सकोले ने यह घोषणा की थी कि यदि दो मई के पहले एन.एच.ए.आई. सड़क सुधार का काम शुरू नहीं करती हैं तो वे पहले क्रमिक भूख हड़ताल और फिर सात मई से आमरण अनशन करेंगें। इसके अखबारों में प्रकाशित होते ही मविप्रा के कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त पूर्व विधायक नरेश दिवाकर ने भी सहभागी होने की घोषणा की वरन एक कदम आगे जाकर पद तक छोड़ देने की बात कही थी। जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कमल मर्सकोले ने पार्टी से अनुमति ली है और पूरी भाजपा अनशन में साथ रहेगी।
विगत दो मई को जब काम प्रारंभ ना होने पर भाजपा का यह अनशन चालू हुआ तो प्राधिकरण के प्रतिनिधि श्री पुरी ने बाकायदा लिखित पत्र देकर यह सूचित किया कि प्राधिकरण के दिल्ली कार्यालय से 30 अप्रेल को टेंड़र स्वीकृत हो गया है इसलिये अब आंदोलन वापस ले लिया जाये। लेकिन मौके पर मौजूद मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर,जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन एवं विधायक कमल मर्सकोले ने इस आग्रह को ठुकरा दिया और काम चालू ना होने तक अनशन चलने की बात कही थी।
सात मई से होने वाले आमरण अनशन में विधायक कमल मर्सकोले एवं मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर बैठने वाले थे। लेकिन 5 मई को प्राधिकरण के पी.डी. सिंघई,पुरी एवं ठेकेदार के अलावा मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर एवं पार्टी अध्यक्ष सुजीत जैन पहुंचे और आंदोलन स्थल पर पहुंचे और चर्चा हुयी कि जल्दी ही काम चालू हो जायेगा अतः आमरण अनशन ना किया जाये। तब भी काम चालू होने पर ही आंदोलन बंद करने की बात की गयी।
कुछ ही घंटों बाद चक्र कुछ ऐसी तेजी से घूमा कि अचानक ही 6 मई को यह कह कर भाजपा ने अपना आंदोलन आमरण अनशन चालू होने के पहले ही समाप्त घोषित कर दिया कि एन.एच.ए.आई. के एक प्रतिनिधि द्वारा काम शुरू करने की सूचना दी गयी हैं।
चौबीस घंटों के अंदर ही आनन फानन में जिला भाजपा के आंदोलन की समाप्ति की घोषणा को लेकर तरह तरह की अटकलें लगना चालू गयीं हैं। आम तौर पर यह भी चर्चा हो रही हैं तीन दिन के अंदर केन्द्र सरकार को झुका लेने का दावा करने वाली भाजपा के इस आंदोलन से आखिर जिले और फोर लेन को क्या मिला? यह भी चर्चा है कि जैसे आनन फानन में पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मिलने के बाद अपने अनशन की समाप्ति की घोषणा कर भाजपा को ही चौंका दिया था उसी तरह इस घोषणा को भी चौकाने वाली मानने वालों की कमी नहीं हैं।
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